Jamui News: 16 जुलाई यानि बुधवार से जीविका द्वारा सदर अस्पताल का साफ-सफाई एवं वार्ड ब्याय कार्य करने के विरोध में सदर अस्पताल के पूर्व एजेंसी के सफाई कर्मियों ने जमकर हंगामा किया। साथ ही सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष, इमरजेंसी द्वार, सदर अस्पताल का मुख्य द्वार, ओपीडी सहित अन्य स्थानों पर कचरा फैला कर विरोध जताया। साथ ही सफाई कर्मियों ने सिविल सर्जन कार्यालय, सिविल सर्जन आवास पर जाकर नारेबाजी भी किया। साथ ही सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर सभी सफाई कर्मी धरना पर भी बैठ गए।
जमकर नारेबाजी करते रहे। वहीं सफाई कर्मी करन कुमार, बच्चू डोम, संजय डोम, धर्मेद्र डोम, गुलशन कुमार, राजा राम मलिक, पवन कुमार, संतोष डोम, रंजीत मंडल, सीता देवी, नीतू देवी, सु नीता देवी, उषा देवी, सुमा देवी, पूनम देवी, सकुन्ती देवी, पुतुल देवी, बबिता देवी, गुड़िया देवी, बेबी देवी, पूजा देवी आदि ने बताया कि हमलोग सदर अस्पताल में कुल 50 स्टॉफ वर्षों से कार्यरत है। सदर अस्पताल में जितने भी एजेंसी ने भी कार्य किया है उक्त सभी एजेंसी द्वारा हमलोगों को अपने साथ रख और हमलोग लगातार सदर अस्पताल में साफ-सफाई का कार्य करते आ रहे है।
कोरोना काल जैसे महामारी में भी हमलोग अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए अस्पताल की सफाई की पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना कार्य को अंजाम दिया। लेकिन जीविका द्वारा सदर अस्तपाल की सफाई की जिम्मा लेते ही हमलोगों को निकाल दिया गया है जो पूरी तरह गलत है। सफाई कर्मियों ने सदर अस्पताल प्रशासन से मांग किया है कि हमलोग को भी सामान्य मजदूरी पर ही सदर अस्पताल में रखा जाए नहीं तो हमलोग बेरोजगार हो जाएंगे। साथ ही हमलोगों के परिवार का भरण-पोषण भी संकट में आ जाएगा। सफाई कर्मियों ने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है तब तक हमलोगों का धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
सफाई कर्मियों द्वारा सदर अस्पताल में कचरा फैलाने से मरीजों को हुई परेशानी :
सफाई कर्मियों द्वारा सदर अस्पताल के मुख्य स्थान जैसे इमरजेंसी कक्ष, इमरजेंसी गेट, सदर अस्पताल के गेट, ओपीडी कक्ष सहित अन्य स्थानों पर कचरा फैला देने के कारण इलाज कराने आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही ओपीडी कक्ष में कचरा होने के कारण ओपीडी में चिकित्सक नहीं बैठ पाए और मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सक को सदर अस्पताल में मौजूद चिकित्सक आराम कक्ष में बैठना पड़ा और वहीं ओपीडी में आये मरीजों को देखने के लिए मजबूर होना पड़ा। साथ ही इमरजेंसी कक्ष और गेट और मुख्य गेट पर कचरा होने के कारण सदर अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को कचरा में घुसकर आना पड़ रहा था। कुल मिलाकर बुधवार को सदर अस्पताल पूरी तरह कचरामय नजर आ रहा था।
क्या कहते है रमेश पांडेय, स्वास्थ्य मैनेजर, सदर अस्पताल, जमुई।
सरकार के निर्देशानुसार हमलोगों ने जीविका के अनुरोध पर पूर्व के एजेंसी को कैंसिंल कर जीविका को सदर अस्पताल के साफ-सफाई के लिए दिया गया है। लेकिन एजेंसी में कार्यरत सफाई कर्मी इस बात का विरोध कर रहे है। सफाई कर्मियों द्वारा सदर अस्पताल में कई स्थानों पर कचरा फैला दिया गया था। जिससे मरीजों को परेशानी हुई है। लेकिन सदर अस्पताल में इलाज के लिए आये मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस संबंध में वरीय पदाधिकारी सहित डीएस को भी सूचना दिया गया है। वरीय पदाधिकारी के निर्देश के अनुसार ही कोई किया जाएगा।
