जमुई में चंद पैसों की लालच में खुद को डॉक्टर की उपाधि देने वाले कुछ ऐसे तथाकथित ग्रामीण चिकित्सक हैं जो इंसान की जान से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आते हैं। ऐसा ही एक मामला जमुई जिले के अलीगंज से सामने आई हैं। यहां अवैध रूप से संचालित क्लिनिक में छोलाछाप चिकित्सक रजनीश कुमार सर्जन बने बैठे हैं। दरअसल सिकंदरा थाना क्षेत्र के गोखुला फतेहपुर निवासी रविन्द्र महतो की पत्नी सोनिया देवी को छाती और पेट दर्द की शिकायत पर 22 अप्रैल को तथाकथित चिकित्सक रजनीश कुमार के पास ले जाया गया, जहां उसने पीत की थैली में पथरी होने की बात कहकर 23 अप्रैल को जैसे-तैसे ऑपरेशन कर दिया।
इसके एवज में 20 हज़ार रुपया लिया गया, लेकिन ऑपरेशन असफल रहा जिस वजह से सोनिया देवी की तबियत दिन- प्रतिदिन बिगड़ने लगी। उंसके बाद 30 अप्रैल को रजनीश कुमार ने सोनिया देवी को आइजीआइएमएस पटना में भर्ती करा दिया। उंसके बाद परिजन 14 मई बुधवार की सुबह 10:00 बजे सोनिया देवी को सदर अस्पताल जमुई लेकर पहुंच गए उंसके बाद मामले का खुलासा हुआ। यहां इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राजीव रंजन ने सारा जांच रिपोर्ट देखते हुए और महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए फिर दुबारा igims पटना जाने की सलाह देते हुए रेफर कर दिया। उंसके बाद बुधवार की शाम तक परिजन महिला को लेकर दुबारा पटना के लिए रवाना हो गए।
अब सवाल यह उठता है कि अवैध रूप से संचालित क्लिनिक में खुद को डॉक्टर की उपाधि देकर लोगों की जांन से खिलवाड़ करने वाले रजनीश कुमार पर क्या कार्डवाई होती है, जो मासूम की जिंदगी से लगातार खिलवाड़ कर रहे हैं। सदर अस्पताल के चिकित्सक बताते हैं कि पीत की थैली का ऑपरेशन मामूली नहीं है। एक ग्रामीण चिकित्सक इस तरह का ऑपरेशन करने की कैसे कोशिश कर सकता है।
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि गंभीर स्थिति में महिला को सदर अस्पताल लाया गया था। किसी ग्रामीण चिकित्सक द्वारा पीत की थैली में पथरी का ऑपरेशन किया गया था लेकिन ऑपरेशन असफल रहा। आइजीआइएमएस पटना के रिपोर्ट के मुताबिक महिला के पीत में पत्थर है और ऑपरेशन के दौरान महिला के शरीर के अंदर के कई हिस्सों को नुकशान पहुंचा है। महिला की स्थिति नाजुक होने की वजह से प्रारंभिक उपचार के बाद पटना रेफर किया गया है।
