बिहार में जातीय जनगणना जमीनी स्तर पर नहीं कराई गई है सिर्फ कागज पर खानापूर्ति की गई है। नीतीश सरकार जातीय जनगणना के नाम पर कोईरी समाज को अपमणित करने का काम किया है। कोईरी समाज 12 प्रतिशत है और उसे साढ़े चार प्रतिशत दिखाया गया है। इसी प्रकार भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण की जनसंख्या छह से सात प्रतिशत है, उसे मात्र दो से तीन प्रतिशत कर दिया गया है।
इतना ही नहीं कलाल जाती जो मुस्लिम हैं उसे हिन्दू बना दिया गया है। उक्त बातें शुक्रवार की दोपहर स्थानीय परिसदन भवन में प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री सह शोषित इंकलाब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि कुशवाहा ने कहा है। दरअसल वे 23 फरवरी को आयोजित आक्रोश महारैली को सफल बनाने के लिए समाज की एकजुटता और जागरूकता को लेकर जमुई पहुंचे थे। उन्होंने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला और जातीय जनगणना को गलत बताते हुए कहा कि 30 वर्ष पहले भी वे कोईरी महासम्मेलन किए थे उस वक़्त बहुत फायदा हुआ था। समाज के 29 विधायक, सात मंत्री बने थे। पब्लिक और स्कूल सर्विस कमीशन के मेम्बर भी बने थे। इसमें बढ़ोतरी होनी चाहिए थी लेकिन आज समाज की क्या स्थिति है। जिससे कोईरी समाज आक्रोशित हैं। नीतीश कुमार के खिलाफ नफरत का वातावरण कोईरी समाज मे है।
चार महीना से लगातार एक खास मिशन के साथ बिहार में गांव- गांव घूम रहा हूँ। इसलिए अब नीतीश कुमार को हटाकर कोईरी समाज का मुख्यमंत्री बनाएंगे। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि बिहार की जनता नीतीश और लालू से उब चुकी है। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भाजपा को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि भाजपा की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है जो नीतीश का साथ दे रहे हैं। नीतीश विधान सभा मे महिलाओं पर भद्दी टिप्पणी कर और महात्मा गांधी के पुण्य तिथि पर ताली बजाकर पूरे बिहार को अपमणित करने का काम किया है।
उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं हैं उन्हें इस्तीफा देकर इलाज करवाना चाहिए। इसके बावजूद अगर नीतीश कुमार का कोई साथ देता है तो वह बिहार का गद्दार है।
आगे शराब बंदी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कुशवाहा ने कहा कि शराब बंदी बिहार में पूरी तरह फैल है। पहले दुकान से शराब मिलता था और अब घर- घर शराब मिल रहा है। शराब बंदी से बिहार को 20 हज़ार करोड़ रुपए का नुकशान हो रहा है। हमारी सरकार बने तो कंडीशन के साथ शराब को चालू किया जाएगा।
