समाहरणालय के समक्ष धरना पर बैठे पैनलधारी
कार्यालय परिचारी के पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारीयों ने समाहरणालय के समक्ष एकदिवसीय धरना दिए।पटना उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेश के आलोक में धरना, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारीयों ने डीएम को एक ज्ञापन देकर कार्यालय परिचारी के पद पर नियुक्ति की मांग की है।
ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों ने बताया कि वे लोग वर्ष 2001 एवं 2012 के पैनलधारी हैं। पूर्व में पैनल से कोर्ट के पारित आदेश के आलोक में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी पद पर बहाली हो चुका है। लेकिन उन्हें कार्यालय परिचारी के पद पर नियुक्ति नहीं मिली है। पैनलधारी ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार 27 जनवरी 2013 में 30 व्यक्तियों का बहाली हुआ जिसमें 29 को कोर्ट के आदेशानुसार नियुक्ति किया गया एवं एक जेनरल बहाली किया गया,
एक अप्रैल 2014 में 12 लोगों का बहाली किया गया, इसी प्रकार 23 सितंबर 2014 में 113 लोगों का बहाली सदर अस्पताल में कोर्ट के आदेशानुसार किया गया, 15 मई 2015 में 6 व्यक्ति का बहाली कल्याण विभाग में किया गया, 12 जुलाई 2015 में 11 लोगों का बहाली कार्यपालक अभियंता झाझा में कोर्ट किया गया। नवंबर 2015 में लखीन्द्र तांती का बहाली हुआ, इसके पश्चात भी वर्ष 2018 में उच्च न्यायालय पटना के द्वारा भी कोर्ट धारक को चतुर्थ वर्गीय पद पर नियुक्ति हेतु आदेश किया गया लेकिन पूर्व के पदाधिकारी एवं लिपिक वर्ग के मनमानी के कारण नियुक्ति नहीं किया गया।
वर्ष 2019 में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चक्रधारी शरण के द्वारा एक पारित आदेश हुआ जो कि जमुई जिला से संबंधित नहीं था। वह दुसरे जिला से संबंधित न्यायालय से आदेश हुआ की चयन आयोग से परीक्षा लेकर सभी की नियुक्ति किया जाए। जिसके बाद जमुई जिला के अंतर्गत पूर्व के डीएम द्वारा लिपिक वर्ग के लिए चक्रधारी शरण के आदेश को जमुई में लागू करवा दिया गया।
जिसको डीएम के द्वारा चयन आयोग को पत्र लिखकर सूचना दिया गया एवं ऑनलाईन आवेदन के लिए विज्ञापन निकाला गया जो की बिल्कुल गलत है। वहीं पैनलधारीयों ने उच्च न्यायालय पटना द्वारा पारित आदेश एवं कोर्ट में लंबित मामले के आलेक में सभी को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद पर बहाल करने का मांग किया। इस मौके पर प्रहलाद मंडल, राजेश पासवान, संतोष कुमार, मनोज कुमार, संजू भारती मनीष कुमार, अविनाश कुमार सिन्हा, प्रणव कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, बृजेश कुमार, राम लखन कुमार समेत दर्जनों पैनलधारी मौजूद थे।
