भाकपा माले के ज़न संगठन बिहार राज्य जनवादी बीड़ी मजदूर यूनियन के नेतृत्व में बीड़ी श्रमिको ने न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर बुधवार की दोपहर 1:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक धरना दिया। इससे पूर्व हाथ में तख्ती लेकर नीतीश सरकार न्यूनतम मजदूरी लागू करो, सभी बीड़ी श्रमिको को बीड़ी परिचय पत्र की गारंटी करो, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 लागू करो, आदि नारा लगाते हुए शहर में मार्च किया। वहीं धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता ऐक्टू के जिला संयोजक बासुदेव रॉय ने किया। वही सभा को संबोधित करते हुए
बिहार राज्य जनवादी बीड़ी मजदूर यूनियन के महासचिव मधुसूदन शर्मा ने कहा कि नीतीश और मोदी के डबल इंजन की सरकार अपने ही बनाये कानून को लागू करने में असक्षम है आज जिले के लाखों बीड़ी श्रमिक गरीबी रेखा से नीचे है लेकिन सरकार को उनकी कोई चिंता नही है।
वही माले नेता बाबू साहब सिंह ने कहा कि सरकार बीड़ी मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी प्रति हजार बीड़ी 397 रुपये देने की घोषणा सितम्बर माह के गजट में किया है, लेकिन जिला के एक भी बीड़ी कंपनी बीड़ी श्रमिको को न्युनतम मजदूरी नही दे रहा है। मात्र 100 रुपये ही दिया जाता हैं. सरकार की अधिसूचना को सरकार के ही मुलाजिम और बीड़ी कम्पनी मालिक के गठजोड़ के कारण मजदूरों का शोषण हो रहा है और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम को ठेंगा दिखा रहा है।
वही झाझा प्रखण्ड सचिव कंचन रजक और मनोज कुमार पांडये ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी बीड़ी मजदूरों का परिचय पत्र और उनके स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ नही करेंगे तो पदाधिकारियो और बीड़ी कंपनियों के सहमेल के खिलाफ आने वाले फरवरी माह में हमारी पार्टी विधानसभा और लोक सभा मे आवाज उठाएगी और जिले भर में एक उग्र आंदोलन किया जायेगा।
